bn:08248293n
Noun Named Entity
AR
No term available
HI
भारतीय शास्त्रीय संगीत में जब कोई स्वर अपनी शुद्धावस्था से ऊपर होता है तब उसे तीव्र विकृत स्वर कहते हैं। Wikipedia
Relations
Sources
SAID TO BE THE SAME AS